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एक साल, नई मिसाल: विकास की खींची गई नई लकीर

देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में भाजपा सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस एक साल में प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री धामी की अगुवाई में तमाम चुनावी वायदों को पूर्ण करने में कामयाब रही तो तात्कालिक परिस्थितियों के लिहाज से भी सरकार महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पीछे नहीं हटी। धर्मान्तरण पर रोक के लिए कानून समेत नकल विरोधी कानून, प्रदेश की महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण, अंत्योदय परिवारों को वर्ष में तीन सिलेंडर निःशुल्क भरवाने की सुविधा, समान नागरिक सहिंता व हाल ही में ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण जैसे अहम निर्णयों ने दर्शाया है कि राज्य सरकार में जनहित सर्वोपरी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ध्येय वाक्य ‘विकल्प रहित संकल्प’ को आत्मसात कर प्रदेश में नई कार्य संस्कृति की ओर कदम बढ़ाया है और वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में पूरी सरकार जी-जान से जुटी है। इस एक वर्ष में राज्य सरकार के कामकाज में प्रदेश की निरन्तर प्रगति के लिए संकल्प, समर्पण और प्रयास का समावेश देखने को मिला है। सरकार अब तक कई ऐसी पहल कर चुकी है जो भविष्य में उत्तराखण्ड की प्रगति में मील का पत्थर साबित होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने को लेकर चुनाव से पूर्व किए वायदे को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया। राज्य में समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिये विशेषज्ञों की समिति गठित की गई।

विशेषज्ञों की यह कमेटी उत्तराखण्ड राज्य के लिये यूनिफार्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने में जुटी है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए ‘भ्रष्टाचार मुक्त एप-1064’ शुरू की गई है। सरकारी भर्तियों में अब तक घपले-घोटाले करते आये भर्ती माफिया को भी धामी सरकार जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने में कामयाब रही तो युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करते हुए नकल विरोधी कानून को राज्य में लागू किया गया है। चुनाव पूर्व जनता से किया गया गरीबों को तीन सिलेण्डर निःशुल्क रिफिल करने के वायदे को भी सरकार धरातल पर उतार चुकी है। इसी तरह राज्य की महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण और राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगाई गई।

चिंतन शिविर के मंथन से भविष्य का रोड मैप हुआ तैयार

राज्य सरकार एक वर्ष के कार्यकाल में जहां तमाम बड़े निर्णय लेने में कामयाब रही तो राज्य में अफसरशाही को केंद्र बिंदु में रखकर पहली बार मसूरी में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन हुआ। इस शिविर के आयोजन के पीछे सरकार का ध्येय यही था कि अधिकारी पुराने ढर्रे को छोड़ नए विचारों और नई कार्यसंस्कृति के अनूरूप कार्य करें। इस शिविर में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए ऐतिहासिक उद्बोधन ने नौकरशाही में नई ऊर्जा का संचार करने का कार्य किया।

गैरसैंण मे पारित किया गया विकास का बजट

राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में इसी मार्च माह में बजट सत्र आयोजित किया गया। जिसमें जनहित के तमाम महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए तो सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि पहाड़ की राजधानी पहाड़ में हो, ये केवल जुमला नहीं बल्कि वास्तव में इसे आत्मसात भी किया जा रहा है।

“प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड तेजी से विकास पथ पर अग्रसर है। इस एक वर्ष की यात्रा में हमने तमाम महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। चुनाव पूर्व किए गए वायदों को भी हमने पूरा किया है। आज उत्तराखंड विकास की नई गाथा लिख रहा है। पहाड़ में रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी की दिशा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं तो खेती, बागवानी को बढ़ावा देकर हम आमजन की आय सृजन के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।”

पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
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एक साल में लिए गए अहम निर्णय

-भर्ती माफिया पर कड़ा प्रहार करते हुए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है।

-प्रदेश की मातृ शक्ति के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई

-जबरन और प्रलोभन से धर्मांतरण पर रोक के लिए सख्त कानून लाया गया।

-समान नागरिक संहिता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही सरकार

-अंत्योदय परिवारों को एक वर्ष में तीन गैस सिलिंडर निःशुल्क रिफिल की सुविधा का आगाज

-लखपती दीदी योजना में वर्ष 2025 तक प्रदेश की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने की पहल।

-राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण।

-चारधाम और कांवड़ यात्रा में कुशल प्रबंधन से रिकॉर्ड संख्या में आए श्रद्धालु।

-केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम की तर्ज पर मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं के पौराणिक और प्राचीन मंदिर क्षेत्रो में अवस्थापनात्मक विकास।

-वोकल फॉर लोकल के अंतर्गत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला दो उत्पाद योजना

वस्टेट मिलेट मिशन, मंडुआ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीद।

-नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने में उत्तराखंड अग्रणी राज्य। राजकीय और सहायता प्राप्त अशासकीय शिक्षण संस्थानों में कक्षा 1 से 12 के विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकें।

-टेली मेडिसिन के लिए 400 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 04 मेडिकल कॉलेज से जोड़ा गया।

-06 एरोमा वैली विकसित करने की योजना। 50 हजार पॉलीहाउस से बदलेगी उद्यानिकी की तस्वीर। इसके लिए बजट में 200 करोड़ रूपए का प्रावधान।
मिशन दालचीनी, मिशन तिमरू प्रारंभ करने का निर्णय।

-नई खेल नीति से प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, खेल अवस्थापनात्मक सुविधाओं का विकास।

-उद्योगों को बढावा देने के लिए उत्तराखंड लॉजिस्टिक नीति, प्राइवेट इंडस्ट्रियल एस्टेट पॉलिसी।

-मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में सब्सिडी बढ़ाकर 40 प्रतिशत की।

-नई पयर्टन नीति में स्वरोजगार को बढ़ावा। कुछ गतिविधियों के लिए 100 प्रतिशत तक सब्सिडी।

-वर्ष 2022-23 में एमएसएमई में 7321 करोड़ की 1707 परियोजनाओं को मंजूरी। इससे 33 हजार व्यक्तिओं को रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

-वर्ष 2022-23 में वृहद उद्योगों में 3072 करोड़ की 16 परियोजनाओं को मंजूरी। इससे 3268 व्यक्तिओं को रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

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