विधानसभा के 29 नवंबर से प्रारंभ हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के भीतर और बाहर हंगामा होना तय है।प्रदेश में सरकार व सत्ताधारी दल भाजपा के साथ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के संबंध तल्ख हुए हैं। दोनों ही पक्ष एकदूसरे पर हमला बोलने का अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहते। प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर हमलावर रही कांग्रेस भर्ती घोटाले को लेकर मुखर है। यद्यपि पार्टी बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार को घेर रही है, लेकिन विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पार्टी का रुख अधिक आक्रामक रहने जा रहा है।विधानसभा सत्र को लेकर कांग्रेस बेहद सतर्क है। प्रयास यह किया जा रहा है कि सरकार का पुरजोर विरोध कर जनता को संदेश दिया जाए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार की नीतियों और कार्यों से जनता में रोष है। संगठन सड़क पर उतरकर सरकार को घेरने में कसर नहीं छोड़ेगा। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि भाजपा को दोबारा सत्ता मिलने के बाद प्रदेश के हालात और खराब हुए हैं।