राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में लाभार्थियों की शिकायतों का अब पहले से अधिक त्वरित गति से निस्तारण हो जाएगा। प्राधिकरण के चेयरमैन अरविन्द सिंह ह्यांकी के निर्देशों पर इसके लिए एक खास मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) अमल में लाई जा रही है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अन्तर्गत संचालित आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान योजना एवं राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के सुचारू रूप से संचालन हेतु चेयरमैन अरविंद सिंह ह्यांकी ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। कार्यालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए चेयरमैन ने कहा कि शिकायतों का निस्तारण हर हाल में यथा समय होना जरूरी है। इसके लिए जो भी व्यवस्थाएं या नेटवर्किंग जरूरी है उसे जल्द अमल में लाएं।
उन्होंने कहा कि यदि किसी अस्पताल में लाभार्थी कैशलेस उपचार नहीं मिलने की शिकायत करता है तो उसकी समस्या का तत्काल निस्तारण होना बेहद जरूरी हो जाता है। इस बात का खास ध्यान रखें कि अस्पताल में उपचार चाह रहे लाभार्थी की शिकायतों का निस्तारण त्वरित नहीं हुआ तो उसका औचित्य ही क्या रहेगा। हर कोई इसे अपनी जिम्मेदारी समझे। आपात शिकायतों के अलावा अन्य शिकायतों के निदान के लिए भी समय और जिम्मेदारी तय करें।
बता दें कि आयुष्मान योजना से संबंधित जानकारियों व समस्याओं के निस्तारण को लेकर प्राधिकरण में स्थापित कॉल सेंटर के अलावा विभागीय ई-मेल, ऑनलाइन पोर्टल, डाक, सीएम हेल्पलाइन, कार्यालय पटल व कार्मिकों के जरिए सूचनाएं आती हैं। इन सभी माध्यमों से आने वाली शिकायतों को रणनीतिक तौर पर हल करने की कार्ययोजना बनाने के लिए भी चेयरमैन ने निर्देश दिए हैं। साफ है कि नए निर्देशों से प्राधिकरण में शिकायत निस्तारण की स्थिति पहले से और अधिक दुरूस्त हो जाएगी।