मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर राज्य मंत्रिमंडल द्वारा उत्तराखण्ड की जनता की ओर से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन व भव्य समापन हेतु हार्दिक बधाई व आभार प्रकट किया गया है।
विदित है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 में बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के हस्तान्तरण कार्यक्रम के संबोधन में भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए, ‘भारत मंत्र’ – दृष्टिकोण समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्याेन्मुखी होने का उल्लेख किया गया, जो कि वर्तमान बैठक के समापन के साथ ही पूर्णता को प्राप्त किया गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व ने प्रमाणित किया कि, विश्व के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत वह हासिल कर सकता है, जो उसने तय किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में न केवल अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देशों के समूह ‘अफ्रीकन यूनियन’ को जी-20 में सदस्य के रूप में शामिल किया गया वरन जी-20 के सामूहिक ‘‘दिल्ली घोषणा पत्र’’ को भी सर्वसम्मति से जारी कराया गया, जिसमें मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित और समावेशी विकास, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्धता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को कायम रखना और शांति व स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली को क्रियाशील रखने का आह्वान किया गया है तथा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के सिद्धान्त को प्रतिपादित किया गया, जो कि एक विशिष्ट उपलिब्ध है। यह उपलब्धि तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जब वैश्विक व्यवस्था में देशों के बीच विश्वास की कमी हो।
भारत, सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोप को जोड़ने वाले ‘भारत मध्यपूर्व-यूरोप इकोनामिक कॉरिडोर’ पर सहमति अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, यह परियोजना अनेक देशों के आधारभूत ढांचे के विकास में सहायक होगी।
अक्षय ऊर्जा को बढावा दिये जाने व कार्बन उत्सर्जन को शून्य किये जाने के उद्देश्य से ‘ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस’ बनाने पर देशों में सहमति बनी। प्रमुख जैव ईंधन उत्पादकों और उपभोक्ताओं के रूप में, भारत, अमेरिका, ब्राजील अन्य इच्छुक देशों के साथ मिलकर एक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के विकास की दिशा में काम करेंगे।
भारत की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जी-20 शिखर सम्मेलन अपने मूल एजेंडे और परिणामों के मामले में जी-20 के इतिहास का सबसे महत्वाकांक्षी व सफल सम्मेलन रहा। इसमें कुल 112 परिणाम दस्तावेज व अध्यक्षीय दस्तावेज तैयार किए गए जोकि पूर्व के सम्मेलन की तुलना में दोगुने से भी अधिक हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जी-20 सम्मेलन की यह सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि भारत स्वाभाविक रूप से ‘ग्लोबल साउथ’ का लीडर बनकर उभरा।
उत्तराखण्ड राज्य के प्रति प्रधानमंत्री का विशेष लगाव रहा है। जिस कारण से उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत रामनगर, ऋषिकेश व नरेन्द्रनगर में जी-20 की बैठकें आयोजित करने का अवसर उत्तराखण्ड राज्य को प्राप्त हुआ। इससे राज्य को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली व पूरे विश्व का उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, योग केन्द्रों, पर्यटन क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों व जैव विविधता से परिचय हुआ। प्रधानमंत्री जी द्वारा, राज्य की वैभवशाली सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों और समृद्ध जैव विविधता को पुनः वैश्विक पटल पर प्रसिद्धि दिलाए जाने पर भी बधाई संदेश में उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया गया है।
मंत्रिमंडल द्वारा भेजे गये बधाई संदेश में चन्द्रयान-03 एवं आदित्य एल-1 के सफल लॉन्चिंग के लिये भी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। इससे अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिकों का मान सम्मान दुनिया में और अधिक बढा है।