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HomeExclusiveसन्तों का तो जीवन ही परोपकार के लिए होता-सीएम धामी

सन्तों का तो जीवन ही परोपकार के लिए होता-सीएम धामी

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को  जयराम आश्रम भीमगौड़ा में ब्रह्मलीन  देवेन्द्रस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की 19वीं पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में प्रतिभाग कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को श्री ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु पांच लाख 11 हजार रूपये का चेक भेंट किया।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने ब्रह्मलीन पूज्यपाद् गुरुदेव  देवेन्द्रस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज को नमन करते हुये कहा कि वे हम सभी के लिए प्रेरणापुंज हैं। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज व देश के लिये अर्पित कर दिया तथा उनके जीवन का एक मात्र सिद्धान्त परोपकार एवं जीवन शैली स्नेह और आत्मीयता थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत केवल कार्य से ही नहीं, अपितु अपने आचरण से भी समाज को शिक्षा और दृष्टि प्रदान करते हैं तथा सन्तों का तो जीवन ही परोपकार के लिए होता है। सन्तों ने स्वयं दूसरों का दुःख लेकर समाज को सुख प्रदान करने को ही अपना धर्म माना है। उन्होंने कहा कि गुरु  जयराम  महाराज से लेकर गुरुदेव  देवेन्द्रस्वरूप ब्रह्मचारी का पूरा जीवन लोक कल्याण और समाज सेवा के लिए समर्पित रहा है।

मुख्यमंत्री ने जयराम आश्रम को जन सेवा एवं समर्पित संस्था बताया। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने कहा कि जिस संस्था के नाम में ही ’’जय’’ और ’’राम’’ जैसे भारतीय सांस्कृति के आधार शब्दों का मेल हो तो उस संस्था के कार्यों की व्याख्या शब्दों में नही की जा सकती। उन्होंने कहा कि अति सीमित संसाधन होने पर भी जयराम आश्रम ने जनसेवा के क्षेत्र में अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किये हैं।

मुख्यमंत्री ने  ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को अपने गुरुदेव के संकल्पों को पूर्ण करने के लिए समर्पित भाव से सेवा कार्य करने वाला बताते हुए कहा कि उनके द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, गोसेवा, संस्कृत के प्रसार तथा जन सेवा के क्षेत्र में जो कार्य किये जा रहे हैं, वे समाज के लिए अनुकरणीय हैं।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड का जो मूल स्वरूप है, उसे आगे बढ़ाने के लिये निरन्तर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश, हरिद्वार में गंगा कारिडोर बनाया जायेगा, जिसकी डीपीआर तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा के घाटों की तर्ज पर यमुना के घाटों को भी विकसित किया जायेगा। कालसी में गुरूवार को यमुना तट पर स्नान घट व हरिपुर घाट का शिलान्यास किया जा चुका है, इससे हरिपुर के विकसित होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष उत्तराखण्ड में श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या में निरन्तर इजाफा हो रहा है, इसको देखते हुये अवस्थापना सुविधाओं का विकास हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ तथा हेमकुण्ड रोपवे पर तेजी से कार्य चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने मानस खण्ड मन्दिर माला मिशन का उल्लेख करते हुये कहा कि इसके तहत प्रथम चरण में 16 मन्दिरों को लिया गया है तथा चारधाम यात्रा की भांति मन्दिर माला मिशन के तहत पर्यटन को बढ़ाने का निरन्तर प्रयास चल रहा है, जिससे देश-विदेश के पर्यटक इससे परिचित होने के साथ ही देवभूमि से अच्छा अनुभव लेकर भी जायेंगे तथा इससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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