HomeExclusiveउत्तर भारत के लिए जीवनदायनी साबित होगा किसाऊ बांध 660 मेगावाट की...

उत्तर भारत के लिए जीवनदायनी साबित होगा किसाऊ बांध 660 मेगावाट की योजना,

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को दिल्ली में जलशक्ति मंत्रालय ( श्रम शक्ति भवन) में होने वाली बैठक में भाग लेंगे। इस हाईलेवल बैठक में किसाऊ बांध पर चर्चा होगी। बैठक में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर औऱ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शिरकत करेंगे। यह बांध उत्तराखंड और हिमाचल बार्डर पर टौंस नदी पर दोनों प्रदेशों द्वारा संयुक्त रूप से बनाया जाएगा। इस बांध के बनने से उत्तराखंड और हिमाचल के अलावा दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान को जलापूर्ति की जाएगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री धामी प्रदेश में लंबित 10 अन्य जलविद्युत परियोजनाओं को भी शुरू करने का मुद्दा उठा सकते हैं।

660 मेगावाट की किसाऊ परियोजना एक राष्ट्रीय परियोजना है। ये 90 फीसदी केंद्र सरकार की सहायता से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के संयुक्त उपक्रम की तरह बनाई जानी है। करीब 12 हज़ार करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के डाउन स्ट्रीम की परियोजनाओं में भी विद्युत उत्पादन बढ़ने की संभावना है। बांध से 1379 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन भी होगा। इस परियोजना को लेकर इन छह राज्यों में करार हो चुका है। समझौते के तहत जलभंडारण का 93 प्रतिशत भाग हरियाणा, यूपी,
राजस्थान और दिल्ली को मिलेगा जबकि 3-3 प्रतिशत भाग हिमाचल और उत्तराखंड को मिलेगा।

सूत्रों के अनुसार बांध निर्माण से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की 2950 हेक्टयर भूमि प्रभावित होगी और 17 गांवों के 6 हजार से अधिक निवासी विस्थापित होंगे। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री कार्यालय में इस मुद्दे पर हुई बैठक में फैसला किया गया था कि परियोजना लागत के घटकों का विभाजन इस तरह से किया जाए ताकि प्रभावित राज्यों के प्रतिकूल प्रभावों की भरपाई हो सके।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री धामी जलशक्ति मंत्रालय में बैठक के दौरान 10 उन परियोजनाओं पर अमल की मांग कर सकते हैं जिनको लेकर कोई विवाद नहीं है। विशेषज्ञ समिति और जल शक्ति मंत्रालय इन परियोजनाओं को पहले ही सैद्धांतिक स्वीकृति दे चुकी है और उत्तराखंड ने सुप्रीम कोर्ट में भी विशेषज्ञ समिति-2 की संस्तुतियों के आधार पर शपथपत्र दाखिल कर चुकी है।

ये हैं दस परियोजनाएं

धौली गंगा पर लाता तपोवन, भ्यूंदार गंगा पर भ्यूंदार गंग, खैरोगंगा, अलकनंदा, कोटलीभेल वन ए और वन बी, धौलीगंगा पर तमकलता, झालकोटी, उर्गम-टू और जेलम तमाक।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

Must Read