मानव जीवन में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वन हमारे राज्य में लोगों की आजीविका का एक मुख्य स्रोत भी हैं। इनकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव के कारण शीतकाल में वर्षा/बर्फबारी कम होने के कारण निरन्तर रूप से Dry Spell रहने, तापमान बढ़ने तथा मृदा/धरातल में नमी कम होने के कारण वनाग्नि घटनाओं की प्रबल संभावनाएँ बनी रहती हैं। वनाग्नि की घटनाएँ अधिक होने की दशा में वनाग्नि का दुष्प्रभाव जैवविविधता, वन्यजीवों / पक्षियों के साथ-साथ मानव जीवन पर भी काफी अधिक होता है। ऐसी दशा में प्रत्येक प्रबुद्ध व्यक्ति द्वारा वनाग्नि को रोकने हेतु निम्न सावधानियों एवं कार्यवाही अपनाई जानी आवश्यक हैं :-
वनों की अग्नि से सुरक्षा हेतु सावधानी :-
• पशुधन के घास के लिए वन क्षेत्रों में आग न लगायें, इससे कालान्तर में वनों / मृदा को नुकसान होने की सम्भावना रहती है।
• जलती बीडी, सिगरेट या दियासलाई वन क्षेत्रों में ना फेकें ।
• व्यक्तिगत रंजिश या शरारत से वनों में आग न लगायें।
• वनाग्नि सत्र के दौरान कृषि भूमि में पराली/आड़ा न जलाये जाने की कार्यवाही को 31 मार्च के उपरान्त निषिद्ध किये जाने सम्बन्धी उत्तराखण्ड शासन द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन किया जाये।
• वनाग्नि घटना में दोषी व्यक्ति के विरूद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही की जा सकती है।
वनाग्नि घटित होने पर क्या करें :-
• वनाग्नि घटना होने पर नजदीकी वनाग्नि क्रू-स्टेशनों / वन चौकी के वनकर्मियों को सूचित करें।
• स्थानीय लोगों को एकत्र कर सावधानीपूर्वक अग्नि को नियन्त्रित करने में वन कर्मियों का सहयोग करें।
• वन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा वनाग्नि सूचनाओं हेतु मोबाइल ऐप विकसित किया गया है, जिसमें आम जनता के साथ-साथ समस्त वनाधिकारी भी वनाग्नि की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकेंगें ऐप में वनाग्नि शमन गतिविधि में लगे वाहनों को ट्रैक करने की भी क्षमता है।
• वनों में जानबूझ कर आग लगाने वाले शरारती तत्वों की पहचान कर उनकी सूचना निकटतम वनकर्मी/वन चौकी/पुलिस स्टेशन को दें।
वनाग्नि सूचना हेतु महत्वपूर्ण दूरभाष नम्बर :-
1. राज्य स्तरीय एकीकृत कन्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेन्टर, वन मुख्यालय, 85, राजपुर रोड, देहरादून फोन नं0-0135-2744558, एकीकृत टोल फ्री (IVRS) नं० 1926 |
2. राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र (SEOC) उत्तराखण्ड मोबाईल नं0- 9557444486, आपदा हैल्पलाईन नं0-112 | शासन, देहरादून
अतः राज्य की प्रबुद्ध जनता से अपील है कि वनाग्नि नियंत्रण / प्रबन्धन हेतु अपना बहुमूल्य योगदान प्रदान करते हुए वन संरक्षण / संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करें।